शनिवार, 29 अप्रैल 2017

अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नहीं। कुछ पल समय को रोक देते हैं। कुछ आपके चाहने पर भी गुजरते नहीं। यही मजा है समय का। नमस्कार। कैसा बीत रहा है आपका समय ? चौबीस घण्टे कभी नहीं बदलेंगे। आपके मानसिक स्थिति निर्धारण करेगी आप समय को रोकना चाहते हो या समाप्त।
पिछले कुछ महीनों से मैं समय आपका और उसके बेहतर प्रयोग के विषय में चर्चा कर रहा हूँ। आज और अगले महीने की चर्चा में इस चर्चे को समाप्त करूँगा। दस टिप्स के साथ जिसके मदत  से अपने समय के बेहतर उपयोग में आपको लाभ होगा।
मैनेजमेंट के प्रसिद्द गुरु ने एक बहुत सहज बात का एहसास दिलाया था -what you cannot measure you cannot improve -जो आप माप नहीं सकते हो ,उसे आप सुधार नहीं सकते हो। आपका समय आप किस तरह से बिता रहे हो अगर आप नहीं समझ पाओगे तो सुधार कैसे लाओगे। मैं हर दिन के अंत में एक डायरी में अपने समय के प्रयोग को लिख डालता हूँ। हर सोमवार को पिछले हफ्ते के समय के प्रयोग का विश्लेषण करता हूँ। कितना समय लगता है मुझे रोज अपने डायरी में लिखने के लिए ? एक या दो मिनट। और कितना समय लगता है हर सोमवार विश्लेषण करने में और उसके अनुसार उस हफ्ते का प्लानिंग करने में ? मुश्किल से पांच मिनट। क्या आप इतना सा समय निकाल पाएँगे खुद को ज़िन्दगी में और आगे बढ़ाने के लिए ? याद है हमने पिछले किसी लेख में उल्लेख किया था कि हमसे कहीं अधिक सफल इंसान के पास उतना ही समय है जितना अपने पास। केवल उन्होंने अपने समय का सदूपयोग बेहतर किया है। शायद हम और आप अपने समय का बेहतर सदुपयोग करके प्रसिद्ध ना बन पाएँगे। लेकिन अधिक सफल जरूर बन सकते हैं। क्या आप अपने समय के मूल्यांकन की शुरुआत आज ,अभी शुरू करेंगे ? महीने की पहली तारीख है आज। शायद इतना अच्छा मौका जलदी नहीं मिलेगा।
हफ्ते के प्लान में मैं क्या करता हूँ ? यह तय करता हूँ कि इस हफ्ते मुझे क्या हासिल करना है ?उसकी एक लिस्ट बनाता हूँ। लिस्ट में लिखे हुए हर काम को करने में कितना समय दूँगा उसका निर्धारण करता हूँ। इस विषय में मैंने इसके पहले भी लिखा था। यह प्रथा मैंने कुछ महीनो पहले सीखा है और प्रयोग किया है। इससे मुझे बेहद फायदा हुआ है। इसके अलावा मैं कौन सा काम किस दिन करूँगा उसका चयन भी कर लेता हूँ। हफ्ते की शुरुआत में। मजे की बात यह है कि मेरे परिवार वाले भी इस बात को समझ गए हैं और पारिवारिक काम को भी इस लिस्ट में जोड़ देते हैं। मेरी बात मानिए इस प्लानिंग के कारण मुझे अपने व्यक्तिगत जीवन को  और बेहतर जीने में काफी मदत मिलता है।
लेकिन इतनी प्लांनिंग मैं याद कैसे रखता हूँ ? इसके लिए मुझे अपने बच्चोँ को धन्यवाद देना होगा। मैंने काफी दिनों तक एक अति साधारण मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल किया है। मेरा कहना था कि मोबाइल फ़ोन कॉल करने और sms भेजने के अलावा और किसी  जरूरत का नहीं है। मैं गलत था। बच्चों ने मुझे समझाया एक मोबाइल हैंडसेट मुझे मेरे समय के उपयोग में कितना फायदेमंद है। हर दिन का प्लानिंग ;महत्वपूर्ण काम के लिए आगाम एलर्ट ; आगे के काम को इसी वक़्त समय रेखा पर लिख डालना। मेरी ज़िन्दगी बदल गई है ,इस एहसास के बाद। धन्यवाद बच्चों। आपने हमें अपने समय को बेहतर मैनेज करने में एक नई दिशा दी है।
प्लैनिंग करते वक्त हम अकसर एक गलती कर डालते हैं। जितना सम्भव है उससे कहीं ज्यादा काम करने का प्रयत्न करते हैं। इसका फल है कि हम संभाल नहीं सकते हैं और हाल छोड़ देते हैं। फिर हमारा पूरा प्रयास विफल हो जाता है और आगे हम कोशिश नहीं करते हैं। प्लैनिंग करते वक़्त मैं पाँच का फॉर्मूला प्रयोग करता हूँ। पाँच चीजें जिस पर मैं कुछ समय के लिए अपना ९५ प्रतिशत फोकस दूँगा। कितने दिनों में इन पाँच काम को निपटाऊंगा यह भी तय कर लेता हूँ। एक उदाहरण स्वरुप मैं इस हफ्ते का अपना प्लैनिंग पेश कर रहा हूँ आपके लिए। इस हफ्ते में मुझे ८ काम को हासिल करना है। इन आठ काम में तीन काम मुझे मंगलवार यानि कल तक ख़त्म करना पड़ेगा। आज और कल मैं अपना ७५ प्रतिशत समय इन दो काम को समाप्त करने के लिए प्रयोग करूँगा। बीस प्रतिशत समय और तीन काम जो कि प्रायोरिटी में इन दो काम के ठीक बाद आएगा उन पर प्रयोग करूँगा।
आज का आखरी टिप। आप कितना भी प्लॉन कर लो अक्सर परिस्थितियाँ आपको कुछ और करने पर मजबूर कर देती हैं। करने चले थे कुछ ,करना पड़ा और कुछ। विचलित मत हो जाईए। ज़िन्दगी में यह एडजस्टमेंट सदा चलता रहेगा। यह ज़िन्दगी का एक अभिन्न अंग है। गंतव्य तक पहुँचने के सफर में ऐसे मोड़ और उतार चढ़ाओ रहेगा ही। वही सफल होता है जो तुरंत अपना गति और जरूरत होने पर पथ बदलने का सठीक निर्णय समय पर लेता है। रास्ता से उतर कर पगडण्डी पर थोड़ी देर शायद चलना परे वापस रास्ता पर आने के लिए।
यह पाँच का फॉर्मूला मैंने अजानते हुए अपने इस लेख में भी कर डाला। आपके साथ आज दस में पाँच टिप्स पेश करके। सहज बात याद रखिएगा। हमारे हाथ के पाँच उँगलियाँ हैं। और वही हमारे कण्ट्रोल में रहता है जिस पर हम अपना मुठ्ठी बांध सकते हैं। क्या आप अपने समय को अपने मुठ्ठी में ले चुके हैं ? नहीं ? तो कोशिश जरूर कीजिए। ज़िन्दगी का आनन्द कहीं एक अलग ,ऊँचे पायदान पर ले जा सकिएगा।
गर्मी और बढ़ेगी। अपना और अपनों के सेहत का ख्याल रखिएगा। अगले महीने आखिर और दसवां टिप सेहत के विषय पर है। तब तक खुश रहिए और ज़िन्दगी का आनंद लीजिए। 

सोमवार, 24 अप्रैल 2017

गर्मी का मौसम द्वार पे खड़ा है। दिन लंबे होते जा रहें हैं। रात छोटा। मज़े की बात यह है कि हम सब शाम का इंतज़ार करते हैं ताकि गर्मी से थोड़ा राहत मिले। आपके दिन लंबे होने के कारण क्या आप ज़िन्दगी से ज़्यादा हासिल कर पा रहें हैं ? पिछले महीने मैंने अपने समय का सदुपयोग करने का ज़िक्र किया था। आज उस चर्चे को आगे ले जाना चाहता हूँ।
अगर हम अपने समय के उपयोग का विश्लेषण करें तो यह महसूस कीजिएगा की आप urgent यानि जिस काम को 'अभी 'करना है या important अर्थार्त 'जरूरी 'काम करते हैं। हम सोचते हैं कि हम अर्जेंट या इम्पोर्टेन्ट काम करते हैं , ऐसा नहीं है। जरा सोचिये। मौका मिलते ही व्हाट्स ऑप चेक करते हैं। यह अर्जेंट है या इम्पोर्टेन्ट ? कितना समय बिताते हैं आप सोशल मीडिया पर ?क्या मिलता हैं आपको ? लाइक्स। एक रिसर्च में मैंने पढ़ा है की आज कल के युवा अपने स्मार्ट फ़ोन पर प्रतिदिन 169 मिनट बिताते हैं। आप कितना समय बिताते हैं अपने फ़ोन पर ? मै तो देखता हूँ कि आज के युवा का सर हर वक़्त झुका रहता है -शर्म के कारण नहीं, फ़ोन के कारण। ट्रेन ,बस या कार में सफर करते वक़्त आज के युवा इस फ़ोन के कारण बाहर के दृश्य को मिस कर जाते हैं।
अगर आप को अपने समय का बेहतर उपयोग करने का इरादा है ,ज़िन्दगी से अधिक पाने के लिए , आपको अपने काम को चार बक्सों में विभाजित करना पड़ेगा। 
  1. अर्जेंट और इम्पोर्टेन्ट 
  2. नॉट अर्जेंट लेकिन इम्पोर्टेन्ट 
  3. नॉट इम्पोर्टेन्ट लेकिन अर्जेंट 
  4. नॉट अर्जेंट और नॉट इम्पोर्टेन्ट 
रिसर्च कहता है  की ज़्यादा लोग ऊपर लिखे विभाजन के अनुसार सबसे कम समय दो नंबर यानि नॉट अर्जेंट लेकिन इम्पोर्टेन्ट काम को देते हैं। परंतु यही किसी भी इंसान के उन्नति और तरक्की के लिए सबसे जरूरी है। उदाहरण है ट्रेनिंग या प्रशिक्षण के समय निकालना ही खुद को आगे बढ़ने के लिए। जो लोग नौकरी करते हैं इस ट्रेनिंग के लिए समय निकाल नहीं पाते हैं हर काम को अर्जेंट सोच कर।
अगर आप हर वक़्त अर्जेंट और इम्पोर्टेन्ट काम में उलझे रहोगे तब का ज़िन्दगी क्राइसिस से गुजर रहा है। आपके पास समय नहीं है खुद की तरक्की के लिए समय निवेश करने का। दूसरी बात इसके कारण आप थक जाओगे ;ज़िन्दगी से कम आनंद ले पाओगे और शीघ्र बर्न आउट हो जाओगे।
तीसरा बक्सा सबसे खतरनाक बक्सा है -नॉट इम्पोर्टेन्ट लेकिन अर्जेंट -इसी बक्से के कारण इंसान सबसे ज्यादा धोका खा जाता है। अर्जेंसी का निर्णय बहुत समय गलत हो जाता है। नतीजा यह होता है कि हम नॉट इम्पोर्टेन्ट काम पर समय गुजार देते हैं अर्जेंसी के लिए और फिर एहसास होता है कि इम्पोर्टेन्ट काम के लिए या तो समय कम है या समय है ही नही।
चौथा बक्सा समय की बरबादी है -नॉट अर्जेंट और नॉट इम्पोर्टेन्ट वाला बक्सा -सोशल मीडिया में गुजारा हुआ अत्यधिक समय इस बकसे में आता है। क्या आपका ज़िन्दगी फेसबुक और व्हाट्स एप्प पर निर्भर करता है। देख लीजिए यही सबसे बेहतरीन उपाय है आपके लिए या नहीं।
सफलता का फार्मूला क्या है ?चौथे बकसे में दस प्रतिशत से अधिक समय मत बिताइए। तीसरे बकसे से सावधान रहिए। पहले और तीसरे बकसे में कभी -कभी निर्णय गलत हो जाता है। कोशिश कीजिए की तीसरे बकसे में बीस प्रतिशत से ज्यादा समय ना गुजारे।
प्रथम बकसे में चालीस से पचास प्रतिशत समय गुजारिए। ज़्यादा नहीं। इससे ज्यादा अगर आपको इस बक्सा में समय गुजारना परे तो आप कहीं गलती कर रहे हो अपने काम के चयन पर।
दुसरे बकसे में आप जितना अधिक समय दोगे -कम से कम पचीस से तीस प्रतिशत -उतना ही आपको सुविधा होगी अपने तरक्की के लिए।
कैसा लगा आज आपको ?कोशिश कीजिए। देखिएगा आपका ज़िन्दगी में सुधार। आनंद लीजिए ज़िन्दगी का। अपने बहुमूल्य सुझाव के साथ मुझसे मिलिए फेसबुक के माध्यम से। यह समय आपके लिए और मेरे लिए दूसरे बकसे का समय है। खुश रहिए।