सोमवार, 24 अप्रैल 2017

गर्मी का मौसम द्वार पे खड़ा है। दिन लंबे होते जा रहें हैं। रात छोटा। मज़े की बात यह है कि हम सब शाम का इंतज़ार करते हैं ताकि गर्मी से थोड़ा राहत मिले। आपके दिन लंबे होने के कारण क्या आप ज़िन्दगी से ज़्यादा हासिल कर पा रहें हैं ? पिछले महीने मैंने अपने समय का सदुपयोग करने का ज़िक्र किया था। आज उस चर्चे को आगे ले जाना चाहता हूँ।
अगर हम अपने समय के उपयोग का विश्लेषण करें तो यह महसूस कीजिएगा की आप urgent यानि जिस काम को 'अभी 'करना है या important अर्थार्त 'जरूरी 'काम करते हैं। हम सोचते हैं कि हम अर्जेंट या इम्पोर्टेन्ट काम करते हैं , ऐसा नहीं है। जरा सोचिये। मौका मिलते ही व्हाट्स ऑप चेक करते हैं। यह अर्जेंट है या इम्पोर्टेन्ट ? कितना समय बिताते हैं आप सोशल मीडिया पर ?क्या मिलता हैं आपको ? लाइक्स। एक रिसर्च में मैंने पढ़ा है की आज कल के युवा अपने स्मार्ट फ़ोन पर प्रतिदिन 169 मिनट बिताते हैं। आप कितना समय बिताते हैं अपने फ़ोन पर ? मै तो देखता हूँ कि आज के युवा का सर हर वक़्त झुका रहता है -शर्म के कारण नहीं, फ़ोन के कारण। ट्रेन ,बस या कार में सफर करते वक़्त आज के युवा इस फ़ोन के कारण बाहर के दृश्य को मिस कर जाते हैं।
अगर आप को अपने समय का बेहतर उपयोग करने का इरादा है ,ज़िन्दगी से अधिक पाने के लिए , आपको अपने काम को चार बक्सों में विभाजित करना पड़ेगा। 
  1. अर्जेंट और इम्पोर्टेन्ट 
  2. नॉट अर्जेंट लेकिन इम्पोर्टेन्ट 
  3. नॉट इम्पोर्टेन्ट लेकिन अर्जेंट 
  4. नॉट अर्जेंट और नॉट इम्पोर्टेन्ट 
रिसर्च कहता है  की ज़्यादा लोग ऊपर लिखे विभाजन के अनुसार सबसे कम समय दो नंबर यानि नॉट अर्जेंट लेकिन इम्पोर्टेन्ट काम को देते हैं। परंतु यही किसी भी इंसान के उन्नति और तरक्की के लिए सबसे जरूरी है। उदाहरण है ट्रेनिंग या प्रशिक्षण के समय निकालना ही खुद को आगे बढ़ने के लिए। जो लोग नौकरी करते हैं इस ट्रेनिंग के लिए समय निकाल नहीं पाते हैं हर काम को अर्जेंट सोच कर।
अगर आप हर वक़्त अर्जेंट और इम्पोर्टेन्ट काम में उलझे रहोगे तब का ज़िन्दगी क्राइसिस से गुजर रहा है। आपके पास समय नहीं है खुद की तरक्की के लिए समय निवेश करने का। दूसरी बात इसके कारण आप थक जाओगे ;ज़िन्दगी से कम आनंद ले पाओगे और शीघ्र बर्न आउट हो जाओगे।
तीसरा बक्सा सबसे खतरनाक बक्सा है -नॉट इम्पोर्टेन्ट लेकिन अर्जेंट -इसी बक्से के कारण इंसान सबसे ज्यादा धोका खा जाता है। अर्जेंसी का निर्णय बहुत समय गलत हो जाता है। नतीजा यह होता है कि हम नॉट इम्पोर्टेन्ट काम पर समय गुजार देते हैं अर्जेंसी के लिए और फिर एहसास होता है कि इम्पोर्टेन्ट काम के लिए या तो समय कम है या समय है ही नही।
चौथा बक्सा समय की बरबादी है -नॉट अर्जेंट और नॉट इम्पोर्टेन्ट वाला बक्सा -सोशल मीडिया में गुजारा हुआ अत्यधिक समय इस बकसे में आता है। क्या आपका ज़िन्दगी फेसबुक और व्हाट्स एप्प पर निर्भर करता है। देख लीजिए यही सबसे बेहतरीन उपाय है आपके लिए या नहीं।
सफलता का फार्मूला क्या है ?चौथे बकसे में दस प्रतिशत से अधिक समय मत बिताइए। तीसरे बकसे से सावधान रहिए। पहले और तीसरे बकसे में कभी -कभी निर्णय गलत हो जाता है। कोशिश कीजिए की तीसरे बकसे में बीस प्रतिशत से ज्यादा समय ना गुजारे।
प्रथम बकसे में चालीस से पचास प्रतिशत समय गुजारिए। ज़्यादा नहीं। इससे ज्यादा अगर आपको इस बक्सा में समय गुजारना परे तो आप कहीं गलती कर रहे हो अपने काम के चयन पर।
दुसरे बकसे में आप जितना अधिक समय दोगे -कम से कम पचीस से तीस प्रतिशत -उतना ही आपको सुविधा होगी अपने तरक्की के लिए।
कैसा लगा आज आपको ?कोशिश कीजिए। देखिएगा आपका ज़िन्दगी में सुधार। आनंद लीजिए ज़िन्दगी का। अपने बहुमूल्य सुझाव के साथ मुझसे मिलिए फेसबुक के माध्यम से। यह समय आपके लिए और मेरे लिए दूसरे बकसे का समय है। खुश रहिए। 

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