गुरुवार, 3 अगस्त 2017

नमस्कार।  कैसे हैं आप ?कैसा चल रहा है आपका ब्रैंड बिल्डिंग का प्रयास ?पिछले महीने में मैंने ब्रैंडिंग के CDE का ज़िक्र किया था और ब्रैंड क्रिएशन के विषय में विस्तृत बात चीत की थी। याद है आपको ? ब्रैंड क्रिएशन में पांच चीज़ों का ख्याल रखना परता है।

  • कोई भी ब्रैंड हर किसी के लिए नहीं होता है। 
  • ब्रैंड एक रिश्ता है।  जिसके साथ ब्रैंड रिश्ता जोड़ना चाहता है उसको रिश्ते से क्या मिलेगा ?
  • अपने ब्रैंड का परिचय या आइडेंटिटी क्या है ?
  • आपका ब्रैंड प्रॉमिस क्या है ?
  • One never gets a second chance to create the first impression .इसके लिए आपका कम्युनिकेशन और ग्रूमिंग महत्वपूर्ण है। 
आज हम चर्चा करेंगे ब्रैंड development का। आपने ऊपर बताई गई पांच बातों का निर्णय ले लिया है और अब आप तैयार हैं अपने ब्रैंड को आगे बढ़ाने के लिए। चूँकि ब्रैंड एक रिश्ता है जितने लोग आपके ब्रैंड से जुड़ेंगे उतना ही आपके ब्रैंड का डेवलपमेंट होगा। बात इतनी सहज है। इसके लिए आपको क्या करना पड़ेगा ?

कोका कोला को विश्व का सबसे मूल्यवान या वैल्युएबल ब्रैंड माना जाता है। एक मीडिया इंटरैक्शन में कोका कोला कंपनी के चेयरमैन ने  इस सफलता के पीछे एक सरल प्रयास का ज़िक्र किया था - उनकी कंपनी का ब्रैंड डेवलपमेंट का एकमात्र उपाय है अधिक से अधिक लोगों को कोका कोला पीने के लिए मोटिवेट करना।  जितने अधिक लोग कोका कोला पियेंगे उतना ही ब्रैंड वैल्यूएशन बढ़ेगा। 

इस कोका कोला के उदाहरण से मिलती है हमारी पहली सीख -keep it simple
 इस गतिमय ज़िंदगी के सफर में किसी के पास आपके ब्रैंड और ब्रैंड प्रॉमिस को समझने के लिए समय नहीं है। आपका  ब्रैंड क्या कर सकता है -उनके लिए जिनके साथ आपका ब्रैंड रिश्ता जोड़ना चाहता है -उनको यह समझने में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। इसका एक बेहतरीन उदाहरण है - Google. Google के प्रतिष्ठाताओं ने यह समझा कि हर वक्ति को  यह पता है कि वह क्या ढूंढ रहा है -उसे यह नहीं मालूम ढूढ़ना कहाँ है !इसी का प्रॉमिस किया Google ने। कुछ भी ढूढ़ना हो -Google करो !
दूसरी सीख Google से है -जो वादा किया निभाओ , लोग तुम्हारे ब्रैंड की पब्लिसिटी खुद करेंगे। Google के विषय में आपने पहली बार कैसे जाना ?शायद आपको याद भी नहीं होगा। जरूर किसी से सुना होगा जिसने आपसे पहले गूगल को एक्सपीरियंस किया होगा। आप अपने कर्तव्यों से अपना ब्रैंड बनाते हो। अपने पड़ोस में जरूर कोई ऐसा इंसान है  जिस  पर लोगों का आस्था होगा किसी भी प्रकार के मदत के लिए। यही उस व्यक्ति का ब्रैंड आइडेंटिटी और प्रॉमिस है। आपने यह भी देखा होगा कि इस व्यक्ति से कोई भी बिना किसी झिझक के सहायता मांगता है। क्यों ? क्योंकि यह व्यक्ति कभी भी ,कहीं भी मदत करने के लिए तत्पर है। गूगल की तरह। इसी से मिलती है हमारी तीसरी सीख
कंसिस्टेंसी परफॉरमेंस का -ज़रा सोचिये -आपके किसी मित्र ने आपके शहर के किसी रेस्टोरेंट में खाना खाकर उसकी काफी प्रशंषा की और आप अपने परिवार के साथ उस रेस्टोरेंट में खाने के लिए गए। उस दिन किसी कारण रेस्टोरेंट का हर खाना खराब रहा। क्या आप फिर वहाँ जाओगे ? खुद तो नहीं जाओगे ;अपने परिचित लोगों को वहाँ जाने से रोकोगे। कोई इंसान इन्कन्सीस्टेन्ट परफ़ॉर्मर के साथ रिश्ता जोड़ना नहीं चाहता है -भरोसा नहीं मिलता है। क्रिकेट में सचिन तेंडुलकर क्यों इतना बड़ा ब्रैंड है -क्योंकि १२० करोड़ भारत वासिओं का उन पर आस्था है। जो क्रिकेटर ने जितनी कंसिस्टेंसी से परफॉर्म किया है ;उतना ही बड़ा ब्रैंड बना है। एक और ब्रैंड है राहुल द्रविड़।
हमारी अगली सीख राहुल द्रविड़ से है -बदलते हुए  ज़रूरतों के साथ अपने ब्रैंड को भी बदलना पड़ेगा। 
आपको याद होगा उनके कैरियर के शुरुआत में राहुल द्रविड़ को  वन डे क्रिकेट के लिए अनसूटेबल माना जाता था। १९९९ के पहले उन्हें भारत के एक दिवसीय टीम से बाहर रखा गया था। उन्होंने कड़ी मेहनत की ;टीम में वापसी की और इतना ही नहीं; इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन स्कोरर भी बने। कुछ दिनों पहले आपने उनकी सफलता IPL में भी देखी।
इसी से हमारी आखरी सीख आती है -आपका ब्रैंड ambition क्या है ?आप अपने ब्रैंड को किस मंज़िल पर ले जाना चाहते हो? हर गंतव्य के साथ आपको यह भी निर्धारित करना पड़ेगा कि आप कितने समय में और कैसे अपनी मंज़िल तक पहुचेंगे। कुछ इस तरह जैसे आप अपने घर  से रेलवे स्टेशन पहुँचते हो ट्रेन पकड़ने के लिए।
ब्रैंड एम्बिशन के उदाहरण स्वरुप मैं एक व्यक्तिगत अनुभव का ज़िक्र करना चाहता हूँ। पिछले सप्ताह मैं काम के सिलसिले में मुंबई गया था। वहाँ मैंने एयरपोर्ट से शहर तक का सफर 'प्रियदर्शिनी -वोमन पॉवर' टैक्सी में किया। वाहन चालक सनोवर नाम की एक महिला थी। सनोवर दिन में टैक्सी चलाती है और रात में अपने दो बच्चो और पति के लिए घर में खाना बनाना ,बच्चों को पढ़ाना और घर की और सब काम करती है। सनोवर से बात करने पर उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनको गाड़ियों में बहुत दिलचस्पी थी और एक दिन गाड़ी चलाने का सपना देखती थी। एक गरीब परिवार के सदस्य होने की वजह से  कई लोगों ने उनको अपने इस सपने को भूल जाने कि सलाह दी. क्योंकि उनका सपना सार्थक होने का  संभावना काफी कम था । सनोवर ने हार नहीं मानी।
सनोवर ने गाड़ी चलाने और सेल्फ डिफेन्स का तालिम लिया जो कि 'वोमन पॉवर' ड्राइवर बनने का क्राइटेरिया था। उनकी सफलता पर मुबारक़ देने पर उन्होंने पूरा श्रेय अपने पति और बच्चों को दिया जिनके समर्थन के बिना यह संभव नहीं हो पाता ।
मेरे लिए सनोवर एक ब्रैंड का उत्कृष्ट मिसाल है। यह प्रमाण करती है कि सपने के साथ अपनों का साथ हो और सफलता पाने का पैशन हो तो कुछ भी हो सकता है।
क्या आप प्रेरित हैं अपने ब्रैंड क़ो आगे बढ़ाने का ?
नए साल संकल्प बनाने  का सर्वश्रेष्ठ अवसर माना जाता है। अगले साल आप अपने ब्रैंड को किस दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं तय कर लीजिये। मंज़िल की ओर यात्रा शुरू करने का प्लानिंग इन कुछ दिनों में ही करना पड़ेगा। आपकी यात्रा सफल हो -यही हमारी शुभकामना है आपके लिए, नए साल का।

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