गुरुवार, 3 अगस्त 2017

नमस्कार। नया साल मुबारक हो आपको और आपके चाहने वालों को। इन  चार दिनों में आपने क्या कुछ ऐसे लोगों के साथ सम्पर्क स्थापित किया जिनके साथ आपका वार्तालाप किसी ऐसे अवसर पर होता है जैसे कि कोई त्योहार या नया साल ?क्यों हम ऐसा करते हैं ? क्योंकि हम अपना रिश्ता ऐसे लोगों के साथ बरकरार रखना चाहते हैं। ताकि आपका ब्रैंड उनके दिमाग में ताज़ा रहे।
पिछले दो महीनों में मैंने आपसे ब्रैंड creation और development का ज़िक्र किया था। आज मैं आपके साथ ब्रैंड engagement के विषय में चर्चा करूँगा।
ब्रैंड एक रिश्ता है चॉइस का। हमने ब्रैंड को इसी तरह से समझा है। खुद को एक ब्रैंड के हैसियत से आगे बढ़ाने के लिए अपने चुने हुए 'सर्कल ऑफ़ इन्फ्लुएंस' में मौजूद लोगों को अपने ब्रैंड में इंटरेस्टेड रखना अति आवश्यक  है। इसे हम ब्रैंड engagement कहते हैं। एक सत्य का ख्याल सदा रखियेगा -आपका ब्रैंड लोगों के दिल में तब तक विराज करेगा जब तक आपका ब्रैंड उनके लिए relevant या तात्पर्य पूर्ण है।
अपने ब्रैंड engagement के लिए अंग्रेजी के पाँच vowels - a ,e ,i ,o ,u -का प्रयोग कीजिये। आगे विस्तार में।
A - Accessibility- जिनसे हम रिश्ता बनाना चाहते हैं उनको ज़रुरत के समय ना मिलने पर हम निराश हो जाते हैं। एक दो बार ना मिलने पर हम रिश्ता बरक़रार रखने का प्रयास छोड़ देते हैं। यही है आपके ब्रैंड का accessibility. आपके शहर में ज़रूर कोई ऐसा डॉक्टर होगा जिसको हर कोई दिखाना चाहता है लेकिन महीनो तक अपॉइंटमेंट नहीं मिलता है। क्या आप उनके लिए इंतज़ार करते हैं या विकल्प ढूढ़ते हैं ? Accessibility के कारण किसी  दूसरे  डॉक्टर को अपना ब्रैंड बनाने में सहायता मिलता है।
E-Evolve- समय के साथ अपने ब्रैंड को परिवर्तन करना अपने ब्रैंड के अस्तित्व का मूल मंत्र है। ज़माना और उसकी ज़रूरतें बहुत तेज़ी से बदल रही हैं। अपना ब्रैंड relevance बरक़रार रखने के लिए यह आपकी मजबूरी है। Nokia एक समय हमारे देश का सर्वाधिक बिकने वाला मोबाइल हैंडसेट हुआ करता था। कहाँ है अब वो ? उसने बदलते हुए ज़रुरत को समझने में नासमझी की जिसके कारण लोगों ने Nokia के साथ रिश्ता तोड़ दिया।
I -Innovation -आप जितना relevant innovation कर पाओगे उतना ही लोग आपके साथ जुड़े रहेंगे। यही लोग और भी लोगों को आपके ब्रैंड के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। Apple इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। IPL क्रिकेट के लिए एक ऐसा ही innovation है। हमारे प्रधान मंत्री का रेडियो प्रोग्राम -मन की बात -एक बेहतरीन प्रयास है।
O-Openness-अगर आपके ब्रैंड को आगे बढ़ाना है तो आपको समालोचना का समुख्खिन होना पड़ेगा। लोग प्रशंषा के साथ निंदा भी करेंगे। आप निंदा को किसी भी हालत में नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते हैं। कहा जाता है कि Oberoi होटेल्स के प्रतिष्ठाता ग्राहक के हर नेगेटिव मंतव्य का विश्लेषण खुद करते हैं और उसका समाधान ढूढ़ते हैं। उनका मानना है कि एक ग्राहक जिसने मेहनत किया है उनको फीडबैक देने का असल में और ९९९ ग्राहकों का प्रतिनिधित्व कर रहा जिन्होंने फीडबैक देने का मेहनत नहीं किया है।
U-Unlearn-कभी -कभी हम अपने नॉलेज और तजुर्बे का गुलाम बन जाते हैं। फलस्वरूप हम अपने आप को बदल नहीं पाते हैं। मैंने कई युवा को एक गलती करते हुए अक्सर देखा है -कॉलेज के बाद नौकरी करते समय खुद को ना बदलना। कई चीज़ें हम कैंपस में करते हैं जो कि हम ऑफिस में नहीं कर सकते हैं या हमें उसी चीज़ को नए अंदाज़ में करना सीखना परता है -जो आसानी से कर पाते हैं उनका ब्रैंड ऑफिस में जल्दी बनता है।
आखिर ब्रैंड एक रिश्ता है और आपको लोगों को सर्वदा वजह देना पड़ेगा आपके साथ रिश्ता बनाये रखने का -जितना आप engagement बढ़ा सकिएगा उतना ही आपका ब्रैंड मजबूत बनता जायेगा। और मजबूती ही आपके ब्रैंड का आयु निर्णय करेगा।
कैसा लगा आपको ब्रैंड के C-D-E के विशय में जानकार  ? मुझे Facebook पर ज़रूर लिखिए आपके बहुमूल्य सुझाव के साथ।
 अगले महीने से मैं आपके साथ कम्युनिकेशन के विषय में चर्चा करूंगा जो किसी ब्रैंड के लिए एक महत्वपूर्ण कला है -ब्रैंड बनाने और आगे बढ़ाने के लिए।
२०१६ आपके ब्रैंड के लिए मंगलमय और आनंदमय हो-यही मेरी शुभकामना है। मिलते रहेंगे।

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